कर्फ्यू तो शायद खुली सड़को का या दुकानों का ही नज़र आता है। रिहाशी इलाको में तो मेला लगा होता है जनाब।
कुछ चंद लोगो को कोई मतलब नहीं वायरस चले या चले वायरस का प्रचंड प्रहार इन्हे तो भाई प्रशासन को गवर्नमेंट को ठेंगा दिखाना है चाहे लोग इसकी चपेट में आए बार बार।
किया खूब खेल चलता है। कुछ चंद लोगो का
बिना मास्क से टहलते है , यारों संग मिल बैठ कर जशन मनाते है , नियमों की उलघना कैसे की जाती है यह सब को दिखलाते है। पुलिस की गाड़ी जैसे ही पौं पौं बजाती है यह चंद लोग समझदारी को तब तक अपनाते है और फिर लुका छुपी खेलते हुए अपना फिर वही रूप दिखाते हैं । इनके लिए कर्फ्यू तो सिर्फ नाम का है जनाब यह तो वायरस का भी मखौल उड़ाते है। भूल जाते है अपने परिवार को यह उस वक़्त जब नियमों के उलघना खुद कर जाते है।
नियमों की पालना कीजिये ज़रूरी है सबके लिए।
ख्याल रखिए ।
Written by :- Netra Kapoor
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