हर तरफ कुदरत का एक अलग ही रंग है कही गर्मी का मौसम होता है और कही सारा साल सर्दी ही रहती है
और कही देखा जाये तो गर्मी और सर्दी दोनों अपना एक ही जगह करामात दिखाती है। जब गर्मी जायदा हो जाती है तो मौसम अलग ही रुतबा दिखता है आप देखिये कूलर , ऐसी भी फेल होने की कगार पर होते है।
![Climate Change and the New Language of Weather · Giving Compass](https://cdn.givingcompass.org/wp-content/uploads/2019/12/02081412/Climate-Change-and-the-New-Language-of-Weather-800x450.jpg)
दुनियां देखने में बहुत बड़ी है लेकिन बर्ह्माण्ड से देखा जाये तो वजूद ही नहीं है बहुत छोटी सी है , शक्तिशाली इंसान नहीं , बल्कि भगवान् है। अहकार विनाश का रास्ता है , और दया इंसानियत की कदर , मोहब्बत की आस्था है।
मौसम कब करवट लेता है यह कोई नहीं जान सकता , मौसम विभाग अपने उपकरणों से ,अपने पॉइंट ऑफ़ व्यू से , सॉफ्टवेयर से आपको यह बता देते है की आज का मौसम कैसा रहेगा। यह रंग रब्ब का नज़ारा देखिये कभी कभी मौसम भी इन उपकरणों के साथ खेलता है। उपकरण कुछ और बताते है और मौसम अपना अलग मिज़ाज़ दीखता है , और गुस्से में कहर भी
फिल्मो में देखा जाये तो आर्टिफिशल weather बना कर एफ्फेक्ट्स डाल कर बिन बरसात बरसात करवा दी जाती है। लेकिन जब रब करवाता है तो वो बरसात गायब हो जाती है सिर्फ फिल्म के भीतर ही नज़र आती है और रब्ब की सारी सृष्टी में।
हमारे कहने का मकसद यह है की सृष्टी करता से से बड़ा कौन हो सकता है इंसान तो सिर्फ माटी का पुतला है लेकिन देखिये रब ने जब यह मौसम बनाया तो इंसान के शरीर के भीतर मौसम अनुसार ढल जाने की क्षमता प्रदान की। अगर यह क्षमता इंसान को मौसम के प्रकार ढल जाने की सहन करने की रब्ब ने प्रदान नही की होती तो कैसे इंसान मौसम को झेल पाता। तो शायद उस वक़्त रब्ब कुछ और निर्माण करता
किया खेल है उपरवाले का सृष्टी के करता धर्ता का , पेड पौधों को अपना कर्म करने के लिए कहा , इंसान को इंसानियत में , जीव जंतु को ऐसा निर्माण किया किसी को जल में भेजा , किसी को आकाश म ें उड़ने के लिए , किसी को धरती पर रहकर अपने जीवन को चलाने के लिए , और किसी को धरती के भीतर हर एक को मौसम के अनुसार सृष्टी के अनुसार ढाल दिया।
समझने का आविष्कार करने वाले जो व्यक्ति उनको सदेह और यहाँ तक की उनको मजाक का सामना भी करना पड़ा धीरे धीरे करते बदलाव् कई प्रक्रिया चलती रही , कभी कुछ समझ में आना और कभी भूल जाना , या फिर कभी यह सोचना यह कैसे मुमकिन है। कभी तापमान को समझने वाले उपकरणों का निर्माण करना
हम तो कहते है यह सिखाता भी है , दिखाता भी है , यह दुनियां जिसकी है वो सब को नचाता भी है।
चलिए अब बात करते है मौसम को विज्ञान ने कितने नाम दिए।
Weather Types:-
- Rainy,Stormy,Sunny,Cloudy,Hot,Cold,Dry,Wet,Windy,Hurricanes,typhoons,Sand-storms,Snow-storms,Tornados,Humid,Foggy,.Snow,Thundersnow,Hail,Sleet,drought,wildfire,blizzard,avalanche
- Mist,Thunderstorms,
Weather Seasons
- Summer
- Monsoon
कुश अलग मौसम के पैटर्न है जिनके बारे में आप पहले से ही जानते है , जैसे की गर्म , गीला , बरसात, या ठंडा।
हम तो हस्ते हुए कहेगे जब जब आपके कपड़ो में बदलाव आना शरू हो जाये तो समझो तब तब मौसम बदलना शुरू हो गया हैं न पॉइंट की बात। .
मगर इससे भी ऊपर एक और बात है जो साधू संत नग्न अवस्था में रहते है उनकी कुदरती क्षमता को देखिये की चाहे गर्मी हो या फिर सर्दी उनका जिस्म वैसे हे ढल जाता है।
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मगर इससे भी ऊपर एक और बात है जो साधू संत नग्न अवस्था में रहते है उनकी कुदरती क्षमता को देखिये की चाहे गर्मी हो या फिर सर्दी उनका जिस्म वैसे हे ढल जाता है।
घर में छोटा बचा हो उसको देख लीजिये की गर्मी सर्दी तब तक असर नहीं करती जब तक आप उसको वैसा ढाल न दें । देखिये बजार से कपडे खरीदने जाते है तो बस जल वायू आपको समझाती है की मौसम का मिज़्ज़ाज़ कैसा है।
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आपको शायद याद होगा की अगर घर का तापमान नापना हो तो हम किस उपकरण का उपयोग करते है। अगर इंसान के शरीर का तापमान नामपना हो तो हम किया उपयोग करते है। ऐसे ही क्लाइमेट टेस्टिंग उपकरनो के द्वारा ही मौसम विभाग अपनी प्रतिक्रिया देता है।
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