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⇨---“Health is a state of complete harmony of the body, mind and spirit. ...“Good health is not something we can buy. However, it can be an extremely valuable savings account.”-Anne Wilson Schaef....You can’t control what goes on outside, but you CAN control what goes on inside.” ...To keep the body in good health is a duty…otherwise we shall not be able to keep the mind strong and clear.” – Buddha,,


एतेहासिक तस्वीर चंद्रयान के द्वारा भेजी गई पहली तस्वीर , विक्रमलेन्डर ने किया कमाल दुनियां देख रही है भारत का धमाल। विज्ञानिको की भावना उनकी मोहब्बत चद्रयान .चाँद के साउथ पोल पर उतरने वाला भारत दुनियां का पहला देश .....ऑनलाइन हैडलाइन स्पेशल --ऑनलाइन हैडलाइन स्पेशल --ऑनलाइन हैडलाइन स्पेशल --ऑनलाइन हैडलाइन स्पेशल --ऑनलाइन हैडलाइन स्पेशल --ऑनलाइन हैडलाइन स्पेशल --ऑनलाइन हैडलाइन स्पेशल --ऑनलाइन हैडलाइन स्पेशल --ऑनलाइन हैडलाइन स्पेशल --

Saturday 26 September 2020

पानी में बर्फ कैसे तैरती है

 
बर्फ पानी में तैरती है यह तो सब जानते है चाहे छोटा टुकड़ा हो या फिर पहाड़ कियो न हो बर्फ का कभी भी आप देख लीजिये बर्फ आपको  पानी की सतह पर तैरती नज़र आएगी। 


देखा जाए तो ऐसा कियों होता है इसका सबसे पहले वस्तुओं का पानी में तैरने का सिद्धांत ग्रीस के वैज्ञानिक आर्कमिंडीज ने दिया था। 

जब भी किसी वस्तु को पानी में डाला  जाता है तो वस्तु का भार  नीचे की  और भार डालता है औरपानी द्वारा लगाया हुआ उत्प्लावन बल ऊपर  की और वस्तु को धकेलता है मतलब की  उसको ऊपर की  और उछालता है।  


जब वस्तु  का भार उत्प्लावन बल के बराबर  या कम होता है तो वस्तु पानी में तैरती है।  यदि वस्तु का भार उसके द्वारा हटाए गए पानी के भार  से अधिक होता है तो वह पानी में डूब जाती है। 

अतः कोई वस्तु पानी में तभी ही तैरेगी जब उसका भार  उसके आयतन के बराबर पानी के भार से आधा होता है  .

लकड़ी का आधा भाग पानी में डूब जाता है  और आधा पानी के ऊपर रहता  है।  इसी प्रकार कार्क  का भार  उसके द्वारा हटाए  गए पानी  के  भार  का पांचवा  हिस्सा होता है।  इसलिए   कार्क का पांचवा भाग पानी में डूब जाता   है  और शेष भाग पानी के ऊपर रहता है।  इसी  सिद्धांत  के आधार पर बर्फ का तैरना भी समझ जा सकता है।  

पदार्थ जब द्रव अवस्था से ठोस अवस्था में बदलते है , अर्थात ठोस अवस्था में आने पर उनके  अणु आस पास  आ जाते है , जिसके फल सवरूप उनका आयतन कम हो जाता है , आयतन कम  हो जाने का मतलब  है की उनका धनत्व बढ़ जाता है और वो ठोस अवस्था में द्रव अवस्था की अपेक्षा भारी हो जाते है , लेकिन  पानी एक ऐसा द्रव है की  जब वह बर्फ में बदलता  है , तो सिकुड़ने की बजाए फैलता है।  

बर्फ का आयतन पाने के आयतन  से लगभग नौवा हिस्सा अधिक हो जाता  है।   यदी नौ लीटर पानी की बर्फ जमाई जाए तो बार का आयतन लगभग  दस लीटर हो जाएगा।  

यह जान लेना भी बहुत जरूरी है की लीटरपानी  का   भार नहीं बताता  बल्कि आयतन बताता है.

बर्फ  का आयतन पानी से अधिक होने के कारण ही ठंडे  स्थानों में  पानी की पाइप फट  जाती है  कियों की जैसे  ही पानी जमता है। वैसे ही आयतन बढ़ जाता है।   इसी प्रकार बर्फ का आयतन बढ़ने से इतना बल पैदा हो जाता है  की पाइप फट   जाती है।  

इस प्रकार बार का आयतन बढ़ने से इसका घनत्व पानी के घनत्व का  9 /10 भाग रह जाता है , अर्थात परफ पानी से 1 /10  भाग हल्की हो जाती है।  इससे निष्कर्य निकलता है  की यदि बर्फ का टुकड़ा पानी में डाला जाए तो इसका 9 /10  भाग पाने में डूब जाएगा और 1 /10 भाग पानी के ऊपर रहेगा , कियों की बर्फ का भर उसके द्वारा हटाए गए पानी के भार का 9 /10  भाग है।  यही कारण है बड़े बड़े हिमखंडो का बहुत बड़ा भाग पानी में  डूबा रहता है  और दसवां  हिस्सा पानी के ऊपर रहता है। ...इस  तरह से बर्फ  पानी के  ऊपर तैरती है 

आशा करते है आपको यह जानकार  कर अच्छा लगा होगा और आज यह भी जान लिया की बर्फ पानी पर  कैसे तैरती है। 

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