
सभी चीजों के स्पीड मापने मे किया जाता है, जैसे - गेंद या कार की स्पीड, ये गैजेट डाप्लर प्रभाव के सिद्धांत पे काम करता है, साल 1947 मे जॉन बाकर ने इस गैजेट को बनाया था.

हॉक आई -
हॉक आई का उपयोग भी गेंद की स्पीड मापने में किया जाता है, हॉक आई एक ऐसी कंप्यूटर तकनीक है, जो सिर्फ 5 मिलीमीटर की सीमा के भीतर भी सही गणना करता है, साल 2001 में पहली बार इस तकनीक का उपयोग क्रिकेट में किया गया, हॉक आई का सबसे ज्यादा उपयोग थर्ड अंपायर करते है, जब बल्लेबाज एलबीडब्ल्यू होता है, तब ये देखा जाता है की गेंद स्टंप में जा रही थी या नहीं।
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