26 फरवरी 1961 को सिंगापुर में एक अध्भुत नाज़ारा सामने आया अचानक से आसमान से मछलियां घरती पर गिरने लगी। लोग हैरान हुए , उन्हने कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था अचानक से यह किया हो रहा है।
गई और या तक देखने को मिला लोगो के अनुसार उस वक़्त कुछ लोग मछलियों को बाल्टियों , टोकरो में भर कर ले जा रहे थे।
काफी बार हुआ हैं कि बादलो से मछली गिरी हो, और मछलियां ही क्यों मेढकों की बारिश भी काफी बार हो चुकी हैं
इसके पीछे एक छोटा सा वैज्ञानिक कारण है। लेकिन है बड़ा ही रोचक। अगर आपके सामने ऐसा हो तो आपको कैसा लगे. आप हैरान तो होंगे लेकिन सोचने पर मजबूर भी अरे बाबा यह हुआ तो कैसे हुआ।
आप सब देखते ही है बारिश असमान से होती है , लेकिन मछलियों का आसमान से गिरना । . इसका मतलब यह हुआ किसी न किसी वजह से मछलिया आसामन तक कैसे पहुंच जाती है।
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लेकिन एक हैरान कर देने वाली बात बताऊं, छोटे चक्रवात तो अपने साथ मछलियां ही उठा कर लाते हैं कितुं बडे चक्रवात इतने भायानक होते है कि वो बडे बडे जहाजो को भी समुंद्र में पलट देते हैं जब इतने बडे चक्रवर्ती तुफान धरती को छुते है तो घरो कि छतो तक को अपने साथ उडा कर ले जाते हैं
गई और या तक देखने को मिला लोगो के अनुसार उस वक़्त कुछ लोग मछलियों को बाल्टियों , टोकरो में भर कर ले जा रहे थे।
काफी बार हुआ हैं कि बादलो से मछली गिरी हो, और मछलियां ही क्यों मेढकों की बारिश भी काफी बार हो चुकी हैं
इसके पीछे एक छोटा सा वैज्ञानिक कारण है। लेकिन है बड़ा ही रोचक। अगर आपके सामने ऐसा हो तो आपको कैसा लगे. आप हैरान तो होंगे लेकिन सोचने पर मजबूर भी अरे बाबा यह हुआ तो कैसे हुआ।
आप सब देखते ही है बारिश असमान से होती है , लेकिन मछलियों का आसमान से गिरना । . इसका मतलब यह हुआ किसी न किसी वजह से मछलिया आसामन तक कैसे पहुंच जाती है।
तो मछलियां बादलों में आई कैसे? सिधा सा कारण हैं चक्रिय तुफान।
बारनोली प्रमेय के अनुसार चक्रवात के केन्द्र मे हवा की तेज गति होने के कारण दबाव बहुत कम हो जाता हैं और एक निर्वात सा बन जाता है जहां से जल ऊपर आसमान कि और उठने लगता हैं और पानी भाग ऊपर उठ जाता हैं
अगर पानी (कम गहराई का) तो चक्रवर्ती निर्वात पानी में मौजूद हर चीज को चाहे वो मछली हो मेढक हो या फिर कुछ और ही क्यों ना हो पानी के साथ ही ऊपर खीच लेता हैं
और उन्हें तब तक गोल गोल घुमाता रहता हैं जब तक की ये चक्रवात धरती को ना छु लें,धरती को छुते ही ये चक्रवात कमजोर पडने लगता हैं और इसमें मौजुद चीजे बारिश के रूप में धरती पर गिरती हैं और हमें ऐसा लगता है कि आसमान से मछलियों की बारिश हो रही है।
आप गौर स करें कि ऐसी घटना उन तटवर्तीय क्षेत्रों मे ही हुई हैं .क्योंकि ऐसे क्षेत्र ही चक्रवात के प्रभाव में आ पाते हैं
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अगर आप घर के बहार खडे होकर ये भायवह नजारा देखना चाहते हैं तो पुरी सम्भावना है कि ये आप को भी उडा कर कुछ किमीं दुर फैक दें।
बाबा वांगा प्रसिद्ध भविष्यवक्ता के साथ कुछ ऐसा ही हुआ था जब वे छोटी थी तो घर के बहार खेल रही थी चक्रवात ने उन्हें अपनी चपेट मे ले लिया और उन्हे कुस्च दूरी में एक खेत में फेंक दिया।
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