पुलिस का अर्थ एक ऐसी व्यवस्थित शक्ति से है , जो देश के अंदर कानून और व्यवस्था की रक्षा करती है।
देश के अंदर शांति स्थापित करना , अपराधियों को पकड़ना तथा अपराधियों की जानमाल की रक्षा करना पुलिस के मुख्य कार्य है , लोगो को सुरक्षा प्रदान करना , पुलिस के मुख्य कार्य है। आज संसार के हर एक देश में पुलिस अर्थ व्यवस्था है।
पुलिस व्यवस्था कब और कैसे शुरू हुई
मानव के प्राचीन इतिहास को देखने से पता चलता है की शुरू शुर्रू में किसी जाती या कबीले के नेता अपने लोगो में शांति बनाये रखने के लिए कुछ योद्वाओं पर निर्भर रहते थे। उस समय राजा अपने सेना के सपिहाइयों को पुलिस के रूम में पेश करते थे।
सबसे पहले ईसा के जन्म के आसपास रोम के सेज़र आगस्टस ( Ceasar Augustus) ने देश में शांति के लिए एक विशेष पुलिस दस्ते का गठन किया।
यह व्यवस्था 350 वर्ष तक चली। सातवीं और आठवी शताब्दी के बीच सुरक्षा पुलिस का विचार लोगो के मन में आया। उस समय ऐसा महसूस किया गया की ऐसी शक्ति का गठन किया जाए जो राजा केजो कानून और लोगो की सुरक्षा कर सके। इस प्रकार का विचार इग्लैंड के लोगो में आया , जो बाद में अमेरिका में भी विकसित हुआ।
इग्लैंड ने अपने देखभाल के लिए पुलिस व्यवस्था शुरू की/ 7 दिसम्बर 1792 को ईस्ट इण्डिया कपनी ( EAST INDIA COMPANY ) ने हमारे देश में पुलिस व्यवस्था शुरू की। हर महत्वपूर्ण स्थान पर थानेदार नियुक्त किया गया। जिसके साथ एक सफाई कर्मी , दस सिपाही और एक मुंशी होता था।
1861 में पोशाक एक्ट बना जिसमे पुलिस कर्मचारियों की पोशाक , उनके वेतन व् नौकरी के नियम बनाए गए।
तब उनकी पोशाक में नील रंग का साफा और नील रंग के कपड़े निशचित किये गए थे. इसके बाद इसमें काफी परिवर्तन हुए जैसे जैसे समय बदलता गया वैसे वैसे ने नियम बनते गए और बनते जा रहे है। हर देश के पुलिस की आज एक अलग पौशाक है, अलग काम करने का ढंग है
आज भारत में अलग अलग राज्यों में अलग अलग पुलिस व्यवस्थाएं है , जो हर प्रकार से नागरिक सुरक्षा का ध्यान रखती है
ऑनलाइन हैडलाइन स्पेशल
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देश के अंदर शांति स्थापित करना , अपराधियों को पकड़ना तथा अपराधियों की जानमाल की रक्षा करना पुलिस के मुख्य कार्य है , लोगो को सुरक्षा प्रदान करना , पुलिस के मुख्य कार्य है। आज संसार के हर एक देश में पुलिस अर्थ व्यवस्था है।
पुलिस व्यवस्था कब और कैसे शुरू हुई
मानव के प्राचीन इतिहास को देखने से पता चलता है की शुरू शुर्रू में किसी जाती या कबीले के नेता अपने लोगो में शांति बनाये रखने के लिए कुछ योद्वाओं पर निर्भर रहते थे। उस समय राजा अपने सेना के सपिहाइयों को पुलिस के रूम में पेश करते थे।
सबसे पहले ईसा के जन्म के आसपास रोम के सेज़र आगस्टस ( Ceasar Augustus) ने देश में शांति के लिए एक विशेष पुलिस दस्ते का गठन किया।
यह व्यवस्था 350 वर्ष तक चली। सातवीं और आठवी शताब्दी के बीच सुरक्षा पुलिस का विचार लोगो के मन में आया। उस समय ऐसा महसूस किया गया की ऐसी शक्ति का गठन किया जाए जो राजा केजो कानून और लोगो की सुरक्षा कर सके। इस प्रकार का विचार इग्लैंड के लोगो में आया , जो बाद में अमेरिका में भी विकसित हुआ।
इग्लैंड ने अपने देखभाल के लिए पुलिस व्यवस्था शुरू की/ 7 दिसम्बर 1792 को ईस्ट इण्डिया कपनी ( EAST INDIA COMPANY ) ने हमारे देश में पुलिस व्यवस्था शुरू की। हर महत्वपूर्ण स्थान पर थानेदार नियुक्त किया गया। जिसके साथ एक सफाई कर्मी , दस सिपाही और एक मुंशी होता था।
1861 में पोशाक एक्ट बना जिसमे पुलिस कर्मचारियों की पोशाक , उनके वेतन व् नौकरी के नियम बनाए गए।
तब उनकी पोशाक में नील रंग का साफा और नील रंग के कपड़े निशचित किये गए थे. इसके बाद इसमें काफी परिवर्तन हुए जैसे जैसे समय बदलता गया वैसे वैसे ने नियम बनते गए और बनते जा रहे है। हर देश के पुलिस की आज एक अलग पौशाक है, अलग काम करने का ढंग है
आज भारत में अलग अलग राज्यों में अलग अलग पुलिस व्यवस्थाएं है , जो हर प्रकार से नागरिक सुरक्षा का ध्यान रखती है
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