एक आत्मा एक ही परमात्मा इनमे से मिला एक महात्मा हर शब्द एक भरपूर गहरा पन रखता है और हर शब्द में कुछ खास होता है और जुबां की मिठास अलग रुतबा रखती है , कड़वाहट रिश्तों में फर्क रखती है।
इज़्ज़त आपके निगाहों को निगाहों में ऊंचा स्थान रखती और कर्म प्रभाव बतलाते है जिंदगी हमे जीव का अर्थ बतलाती है.
जीव हमें जीने की राह पर चलाता है और उगली पकड़ कर चलना हमें सबसे पहले माँ बाप का बर्ह्माण्ड में जो दर्जा है वो सीखाता है।
और जब बचा बड़ा हो जाये संस्कारों से बना कर उसको तराशा जाये तो उसमे रूहानी निखार आता है। यह बातें बहुत ज़ायदा गहरी है इनका कभी भी अंत नहीं है।
पिता और माता का शब्द बहुत बहुत गहरा है। अगर हम मनुष्य को पिता उच्चारण से पुकारते है तो यह शब्द की गहराई झलकती है तब यह शब्द पिता परमेश्वर का रूप धारण करता है।
मोहब्बत वो नहीं होती जो हर तरफ बता कर की जाये। लेकिन सच्ची मोहबत दुनियां के सामने छुपती भी नहीं उनका नाम रूह को परनाम इतना कहूंगा की आत्मा परमात्मा से मिलन करवाती है और परमात्मा सवयभू होकर आत्मा बन आत्मा को प्यार जतलाता है।
सब खेल है उपरवाले का।
"जब वक़्त की ताकत का प्रमाण मिला है अभी भी ए बन्दे तेरे भीतर किसका अहकार छिपा है जो तूने बिन सोचे समझे शब्दवाली वार किया वो हाथ जोड़ खड़ा और तूने अपनी जुबां को अपने कर्म को फिर से नर्क चार किया है। "
ए आत्मा तूने साथ देकर रोशनी का प्रचार किया है यह कर्म है आपका इसमें ईश्वर ने अपना वास किया है।
सच्चा इश्क़ बिन बातए भी खुद ब खुद बयान कियो हो जाता है ? इसके पीछे एक उत्तम गाथा है जो इस दुनियां में किसी महापुरष को ही समझाता है।
सिर्फ इतना कहूंगा जुबां एक बहुत बड़ा मुकाम रखती है यह कर्मो का बाण रखती है , यह बिगड़ जाए तो बर्ह्माण्ड से उतरा हुआ शमशानी बाण रखती है , यह इंसान का नाम रखती है। यह इंसान की ज़िंदगी में ऊँचा मुकाम रखती है।
कोई भी हो किसी भी परमात्मा द्वारा प्रदान किये हुए औदे पर हो उसको अपनी जुबां का इस्तमाल करने का सच्चा इल्म होना चिहिए।
इज़्ज़त से भरपूर करते हुए दूसरों के प्रति सत्कार होना चाहिए बुजर्गो को , (सीनियर सिटिज़न्स ) को सबसे पहले भाव इ इज़्ज़त से नवाज़ना चाहिए।
कर्म प्रहार सभी प्रहारों से बड़ी शक्ति रखता है।
ईश्वर संसार को पानी और पाताल , ढकाल , माटीमाल ,सतहधरत के ऊपर खड़ा कर अपना कमाल दिखता है और आकाश में अपना प्रकाश दिखता है ब्रह्माण्ड में एक अलग एहसास करवाता है। यह बातें कभी न खत्म होने वाली है .
दिल को नहीं आत्मा को दर्द हुआ
जब आत्मा को दर्द हुआ तो मरहम का जन्म हुआ
कल युग है इसको कर युग भी कह कहते है।
हम बता दे सच्ची मोहबत प्रकाश होती है
अंधकार में रोशन ए रूप होती है।
यह एक ही रूह का मेल होती है
सुरक्षित रहे।
ऑनलाइन हैडलाइन स्पेशल
Article

जीव हमें जीने की राह पर चलाता है और उगली पकड़ कर चलना हमें सबसे पहले माँ बाप का बर्ह्माण्ड में जो दर्जा है वो सीखाता है।
और जब बचा बड़ा हो जाये संस्कारों से बना कर उसको तराशा जाये तो उसमे रूहानी निखार आता है। यह बातें बहुत ज़ायदा गहरी है इनका कभी भी अंत नहीं है।
पिता और माता का शब्द बहुत बहुत गहरा है। अगर हम मनुष्य को पिता उच्चारण से पुकारते है तो यह शब्द की गहराई झलकती है तब यह शब्द पिता परमेश्वर का रूप धारण करता है।
मोहब्बत वो नहीं होती जो हर तरफ बता कर की जाये। लेकिन सच्ची मोहबत दुनियां के सामने छुपती भी नहीं उनका नाम रूह को परनाम इतना कहूंगा की आत्मा परमात्मा से मिलन करवाती है और परमात्मा सवयभू होकर आत्मा बन आत्मा को प्यार जतलाता है।
सब खेल है उपरवाले का।
"जब वक़्त की ताकत का प्रमाण मिला है अभी भी ए बन्दे तेरे भीतर किसका अहकार छिपा है जो तूने बिन सोचे समझे शब्दवाली वार किया वो हाथ जोड़ खड़ा और तूने अपनी जुबां को अपने कर्म को फिर से नर्क चार किया है। "
ए आत्मा तूने साथ देकर रोशनी का प्रचार किया है यह कर्म है आपका इसमें ईश्वर ने अपना वास किया है।
सच्चा इश्क़ बिन बातए भी खुद ब खुद बयान कियो हो जाता है ? इसके पीछे एक उत्तम गाथा है जो इस दुनियां में किसी महापुरष को ही समझाता है।
सिर्फ इतना कहूंगा जुबां एक बहुत बड़ा मुकाम रखती है यह कर्मो का बाण रखती है , यह बिगड़ जाए तो बर्ह्माण्ड से उतरा हुआ शमशानी बाण रखती है , यह इंसान का नाम रखती है। यह इंसान की ज़िंदगी में ऊँचा मुकाम रखती है।
कोई भी हो किसी भी परमात्मा द्वारा प्रदान किये हुए औदे पर हो उसको अपनी जुबां का इस्तमाल करने का सच्चा इल्म होना चिहिए।
इज़्ज़त से भरपूर करते हुए दूसरों के प्रति सत्कार होना चाहिए बुजर्गो को , (सीनियर सिटिज़न्स ) को सबसे पहले भाव इ इज़्ज़त से नवाज़ना चाहिए।
कर्म प्रहार सभी प्रहारों से बड़ी शक्ति रखता है।
ईश्वर संसार को पानी और पाताल , ढकाल , माटीमाल ,सतहधरत के ऊपर खड़ा कर अपना कमाल दिखता है और आकाश में अपना प्रकाश दिखता है ब्रह्माण्ड में एक अलग एहसास करवाता है। यह बातें कभी न खत्म होने वाली है .
दिल को नहीं आत्मा को दर्द हुआ
जब आत्मा को दर्द हुआ तो मरहम का जन्म हुआ
कल युग है इसको कर युग भी कह कहते है।
हम बता दे सच्ची मोहबत प्रकाश होती है
अंधकार में रोशन ए रूप होती है।
यह एक ही रूह का मेल होती है
सुरक्षित रहे।
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