एक बार की बात है . एक बहुत बड़ा बगीचा था। उसका माली उसको बहुत संभाल कर रखता टाईम पर पानी देना सब कुछ जो एक माली कर सकता वो करता लेकिन इस माली के अंदर थोड़ा घमंड आ गया की मेरे बाग़ में आज तक कितने फूल खिल रहे रहे . तो वो फूलो को निहारने की बजाए उनको प्यार देने की बजाए घमंड में रहने लगा।
एक दिन छोटा सा बालक वहां से गुज़र रहा था उसकी निगाह उन फूलों पर पडी तो बाग़ के करीब आया और उस बालक ने माली को कहा मुझे यह फूल चाहिए। माली ने कहा चल भाग यहाँ से फूल चाहिए।
वो बालक हसने लगा उस माली की बातों को सुनता और हस्ता कियों की उस बालक के पास जो बगीचा था उसमे उसका प्यार था , वो बालक माली को बोलता है हमारा बगीचा चाहे छोटा सा है हम खुश है ईश्वर ने चाहा तो हमें भी बड़ा बगीचा मिल जायेगा .माली ने घमंड में कहा कहा तेरा बगीचा बालक ने बोलै रुको मैं लेकर आया। तभी वो बालक वहां से चला जाता है और कहता है की यह देखो। .....माली फिर हस्ता है यह तो गमला है यह छोटे छोटे दो कियो लेकर आया।
बालक ने कहा एक आपके लिए और एक मेरे लिए बालक बीज बोने के लिए माली को देता है और कहता चलो देखते है कब तक इसमे फूल आएंगे। माली कहता बस कर
एक दिन छोटा सा बालक वहां से गुज़र रहा था उसकी निगाह उन फूलों पर पडी तो बाग़ के करीब आया और उस बालक ने माली को कहा मुझे यह फूल चाहिए। माली ने कहा चल भाग यहाँ से फूल चाहिए।
वो बालक हसने लगा उस माली की बातों को सुनता और हस्ता कियों की उस बालक के पास जो बगीचा था उसमे उसका प्यार था , वो बालक माली को बोलता है हमारा बगीचा चाहे छोटा सा है हम खुश है ईश्वर ने चाहा तो हमें भी बड़ा बगीचा मिल जायेगा .माली ने घमंड में कहा कहा तेरा बगीचा बालक ने बोलै रुको मैं लेकर आया। तभी वो बालक वहां से चला जाता है और कहता है की यह देखो। .....माली फिर हस्ता है यह तो गमला है यह छोटे छोटे दो कियो लेकर आया।
बालक ने कहा एक आपके लिए और एक मेरे लिए बालक बीज बोने के लिए माली को देता है और कहता चलो देखते है कब तक इसमे फूल आएंगे। माली कहता बस कर
तू देखना कितना जल्दी लेकर आऊँगा फूल।
लड़के का गमला अपने घर पर होता है और माली को दिया हुआ गमला बाघ में। माली वक़्त पर पानी देता है जो उचित समझता है वो करता है। समय बीतता गया एक दिन माली जब उस गमले के पास आकर देखता है की अभी तक गमला वैसे का वैसा ही है इसमें जो बीज बोया था उसमे समय का साथ कुछ भी बदलाव नहीं आया यह ऐसा कियो बड़ा ही परेशान होता है . इसी बीच वो बालक दौड़ा दौड़ा माली के पास आता है और कहता है की देखो अंकल मेरे गमले में कितने प्यारी फूल खिल गए। माली देख कर अचंबित होता है वो कहता है तू झूट बोल रहा है है तूने मुझसे छलावा किया है यह तू दूसरा गमला ले कर आया है। . बालक हस्ता है और कहता है
माली जी आपने गमले में जो बीज बोया वो अहकार से बोया इसलिए उसने आपको अपना रुतबा दिखा दिया
मैंने जो बीज बोया वो उनकी मोहबात में बोया इश्क़ के संग
तभी इतने सूंदर फूलो ने अपना दीदार दिया।
इसलिए जो प्यार की ताकत होती है वो पैसे से नहीं खरीदी जाती वो तो रब की सौगात होती है . इस दुनियां में सभी प्यार करते है लेकिन प्यार से बढ़कर भी एक चीज़ है जो प्यार का शब्द है इस शब्द ने उसी में से जन्म लिया है। जो सच्ची मोहबत होती है वो दिन में नूर ए प्रकाश करती है और रात में चाँद की चांदी बन कर सकूं का।
इसलिए सच्ची मोहबात में रूह रोशन हो उठती है प्रकाश से भी ज़ायदा अपना तेज छोड़ती है इसलिए आगे से माली जी प्यार और जुबां इन दोनों में है एक बड़ा मुकाम। यही मेरे संस्कार यही मेरा पैगाम।
बचा हस्ता हुआ वहा से चला जाता है और माली बया सोचता रहता है :-
देखा मज़ा आया इस कहानी में। हम आशा करते है बहुत ही मज़ा आया होगा।
ऑनलाइन हैडलाइन स्पेशल
लड़के का गमला अपने घर पर होता है और माली को दिया हुआ गमला बाघ में। माली वक़्त पर पानी देता है जो उचित समझता है वो करता है। समय बीतता गया एक दिन माली जब उस गमले के पास आकर देखता है की अभी तक गमला वैसे का वैसा ही है इसमें जो बीज बोया था उसमे समय का साथ कुछ भी बदलाव नहीं आया यह ऐसा कियो बड़ा ही परेशान होता है . इसी बीच वो बालक दौड़ा दौड़ा माली के पास आता है और कहता है की देखो अंकल मेरे गमले में कितने प्यारी फूल खिल गए। माली देख कर अचंबित होता है वो कहता है तू झूट बोल रहा है है तूने मुझसे छलावा किया है यह तू दूसरा गमला ले कर आया है। . बालक हस्ता है और कहता है
माली जी आपने गमले में जो बीज बोया वो अहकार से बोया इसलिए उसने आपको अपना रुतबा दिखा दिया
मैंने जो बीज बोया वो उनकी मोहबात में बोया इश्क़ के संग
तभी इतने सूंदर फूलो ने अपना दीदार दिया।
इसलिए जो प्यार की ताकत होती है वो पैसे से नहीं खरीदी जाती वो तो रब की सौगात होती है . इस दुनियां में सभी प्यार करते है लेकिन प्यार से बढ़कर भी एक चीज़ है जो प्यार का शब्द है इस शब्द ने उसी में से जन्म लिया है। जो सच्ची मोहबत होती है वो दिन में नूर ए प्रकाश करती है और रात में चाँद की चांदी बन कर सकूं का।
इसलिए सच्ची मोहबात में रूह रोशन हो उठती है प्रकाश से भी ज़ायदा अपना तेज छोड़ती है इसलिए आगे से माली जी प्यार और जुबां इन दोनों में है एक बड़ा मुकाम। यही मेरे संस्कार यही मेरा पैगाम।
बचा हस्ता हुआ वहा से चला जाता है और माली बया सोचता रहता है :-
देखा मज़ा आया इस कहानी में। हम आशा करते है बहुत ही मज़ा आया होगा।
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