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⇨---“Health is a state of complete harmony of the body, mind and spirit. ...“Good health is not something we can buy. However, it can be an extremely valuable savings account.”-Anne Wilson Schaef....You can’t control what goes on outside, but you CAN control what goes on inside.” ...To keep the body in good health is a duty…otherwise we shall not be able to keep the mind strong and clear.” – Buddha,,


एतेहासिक तस्वीर चंद्रयान के द्वारा भेजी गई पहली तस्वीर , विक्रमलेन्डर ने किया कमाल दुनियां देख रही है भारत का धमाल। विज्ञानिको की भावना उनकी मोहब्बत चद्रयान .चाँद के साउथ पोल पर उतरने वाला भारत दुनियां का पहला देश .....ऑनलाइन हैडलाइन स्पेशल --ऑनलाइन हैडलाइन स्पेशल --ऑनलाइन हैडलाइन स्पेशल --ऑनलाइन हैडलाइन स्पेशल --ऑनलाइन हैडलाइन स्पेशल --ऑनलाइन हैडलाइन स्पेशल --ऑनलाइन हैडलाइन स्पेशल --ऑनलाइन हैडलाइन स्पेशल --ऑनलाइन हैडलाइन स्पेशल --

Friday 10 July 2020

किताबें कब और कैसे शुरू हुई ....

किताबे हमें पड़ने को मिलती है। किताबे अपने आप में बहुत ुचा मुकाम रखती है।  किताब चाहे छोटी  हो , या फिर बड़ी , जब भी पड़ते है तो सीखने को नया ने मिलता है।  किताबे बहुत कुछ सिखाती है .   आपको शायद यह जानकर  हैरानी होगी की मध्य युग तक  किताबो का नाम ही नहीं था।

लेकिन अगर किताबे नहीं थी तो  लोग किस पर लिखते थे यह  भी प्र्शन हमारे दिमाग में घूमता है। आज का टॉपिक ही ऐसा है।   उस वक़्त लोग पेपरिस (Papyrus ) पर लिखते थे आपको जानकार  हैरानी होगी किताबों    जैसा रूप बनाने के लिए वो  उन्हें आपस में चिपकाकर  एक रोल  त्यार  कर लेते थे।

रोम के लोग इन रोल्स को वोल्यूमन कहते थे ( VOLUMEN )  .  आपको यह जानकर भी  हैरानी होगी  इस शब्द ने एक और शब्द को जन्म दिया जिसे (वोल्यूम)  शब्द जाना गया।

पांचवी शताब्दी क मध्य तक लोग पार्चमेंट ( Parchment )  और ,वैलम ( Vellam ) पर लिखने लगे।  पार्चमेंट  भेड़ और बकरी की खाल से बना होता था और(vellam)  अलग  जानवर की खाल से बना होता था  . खाल को चादरों को समान आकर में काटकर  किताब की तरह सलाई कर ली जाती थी और इनकी एक सतह पर लिखा जाता था।  देखा जाए तो वास्तव में यह पुस्तकों की शुरआत थी।

इसके बाद मध्ययुग में किताबे बनने लगी अधिकतर किताबे लैटिन भाषा में लिखी जाती  थी।  कागज़ और मुद्रण  कला का विकास  होने के बाद  किताबो ने सूंदर रूप धारण करना शुरू किया।  आज तो आप देख रहे  है की अनेक प्रकार की किताबे बनने लगी है।

विश्व की सबसे बड़ी पुस्तक  दी लिटल रेड  एल्फ ' को विलियम  पी  वुड  ने लिखा ो प्रकाशित किया था।   7 फुट 2 इंच की यह किताब  जब इसे खोला जाता था  तो इसकी लम्बाई 10 फुट हो जाती।  1967 से 1971 के बीच आइरिश विशवविघालय  की प्रेस  ने ब्रिटिश संसद के 1800 से 1900  तक के कागज़ात  को  1200 भागो में छापा   यह विश्व का सबसे बड़ा सेट है , इसका कुल वजन 3 .64  तन है।  यदि इसे 10 घंटे रोजाना पड़ा जाये तो।  तो पूरी पुस्तक को पड़ने में काफी समय लग जाए। इसके बाद तो और भी कितबे आई जिन्होंने अपना  नाम रिकार्ड्स में दर्ज करवाया।    अब तो आपने जान  ही लिया होगा की पुस्तक का जन्म  कैसे  हुआ।

Now you  can also search  on google about the history off books .  .But now a days The  World's Largest Book at Kuthodaw Pagoda – Mandalay, Myanmar (Burma) - Atlas Obscura .

 
 Guinness Book of World Records gives a more standard type of book the record—they say the world's largest book is a 2012 text on the Prophet Muhammad created in Dubai and measuring an impressive 16.40 ft x 26.44 ft.

What is the smallest book in the world?
The book, entitled "Teeny Ted from Turnip Town", measures 0.07 mm by 0.10 mmTeeny Ted from Turnip Town
Teeny Ted from Turnip TownTeeny Ted from Turnip Town (2007), published by Robert Chaplin, is certified by Guinness World Records as the world's smallest reproduction of a printed book.
सुरक्षित रहे , 

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