पहले भी जैसे हम जानते है क्रोना के कुछ वैरिएंट्स ने बहुत कहर मचाया था। गोवेर्मेंट ने अपनी सूझ भूझ से जो कदम उठाने चाहिए थे वह उठाए थे। लेकिन कुछ दिनों से न्यूज़ मैं आ रहा है की सिंगापुर और भी अन्य देशी में क्रोना का नया वेरिएंट ने अपनी रफ़्तार पकड़ी हुई है.
भारत देश में भी इसके कुछ केस सामने आए है यह हम नहीं कह रहे यह आकड़े कह रहे है लेकिन अगर यह सच है तो हमें अभी से किया करना होगा।
किया इसका भी इलाज वैक्सीन हैं या कुछ और। वैक्सीन कुछ समय तक हमारे शरीर में इम्मुनिएटी को स्ट्रांग रख सकती है लेकिन अगर यह वेरिएंट ने जो अपनी रफ़्तार पकड़ी है हमें यह देखना है की यह किन लोगो को चपेट में ले रहा है।
वह लोग जिन्होंने ने वैक्सीन लगवाई लेकिन खुद चपेट में आ रहे है या फिर जिन लोगो की पाचन क्रिया कमज़ोर है। या कहे की जिन्होंने वैक्सीन तो लगवाई लेकिन उन्हें कुछ और भी समस्या थी।
अगर यह वेरिएंट चाहे हम कहे की एक नार्मल covid के लक्षण जो पहले थे वैसे ही है लेकिन घबराने के ज़रूरत नहीं तो हमें यह भी सोचना होगा जो आज बाहर के देशो में वायरस से मौत का अकड़ा भी बड़ रहा है और इसकी चपेट में आने वाले लोग भी दिनों दिन सामने आ रहे है। .
यह सब देखते हुए एक सवाल ज़हन में आता है। किया अभी से हमें सतर्क रहने के ज़रूरत है अगर सब समझते है हाँ तो मास्क पहना तो ज़रूरी है. हम सिर्फ यह कहेगे हमें अभी से स सतर्क रहना होगा। . अब स्थिति पर निर्भर करता है की भारत में किस रफ़्तार से कोविड के केसो में बड़ोतरी हो रही है। .
लेकिन हमें घबरा कर नहीं बल्कि रूल्स को फॉलो करते हुए सतर्क है। -सबकी अपनी अपनी राय तो हो सकती है लेकिन जहाँ सवाल सुरक्षा का है वहां सतर्क रहना ज़रूरी है।
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