आज कल देखा जाए जहा हर कोई इंसानीयत को सामने रखते हुए घर से निकल कर सभी की सेवा भाव से  अपनी जान की परवाह न करते हुए लोगो की सेवा करने में जुटे है  प्रशासन हो , डॉक्टर्स हो , या फिर सोसाइटी हो  और भी वो योद्धा जीने  कोविड 19 के चलते हर संभव मदद लोगो को प्रदान की  इस विनाशी महामारी को ध्यान में रखते हुए.  
जहाँ  गवर्नमेंट्स  हर संभव कदम हर प्रभावी कदम उठा रही है और  महामारी से बचने के लिए लोगो की ज़िंदगी को सुरक्षा कवच  प्रदान करने के लिए दिन रात जहा लोगो तक इनफार्मेशन पहुंचा रही है।  
वही इसी बीच बड़ा मुद्दा एक और है जहाँ गवर्नंट  की तरफ से कभी बयान आया स्कूल के ऊपर बच्चो की सुरक्षा को ध्यान में  रखते हुए  स्कूल को बंद किया है। 9  to 12th  कुछ स्कूल्ज को अगर खोला गया है तो  नियमो के अनुसार।  
लेकिन सबसे बड़ी बात यह है की फीस की ,?
जब बचे स्कूल नहीं  जा रहे तो किस बात की फीस  अदा  की जाए  , जब स्कूल की बिजली नहीं चली , जब स्कूल में आवाजाही नहीं , स्कूल बंद पड़े है तो फीस किस बात की।  इस महामारी में यह बोझ बचो के पेरेंट्स के ऊपर कियों। 
निजी स्कूल्ज के ऊपर कियों नहीं जिन्होंने इस महामारी से पहले  इतने साल बचो को पढ़ाया किया यह स्कूल इस माहमारी में मदद करने की बजाए उल्टा देखने में आता है पेरेंट्स को धमकाया जाता है  कोई सुनवाई नहीं। 
अगर फीस न दी  जाए  तो  नाम काट  दिया जाता है  किया यह कुछ निजी स्कूल की  तानाशाई इसी प्रकार चलेगी 
इस महामारी को नज़र में रखते हुए  लोगो के बिज़नेस को भी कुछ नुक्सान हुआ है ।    माहमारी में  और स्कूल की इन तानाशाही में लोग पीस  रहे है ,  खर्चे एक नहीं बल्कि और भी होते है। 
 
बच्चो को  विद्या के लिए स्कूल भेजा जाता है माँ बाप किस किस तरहं से बचो के लिए उनकी मदद करने के लिए किन किन चीज़ो से गुज़रना पड़ता है यह शायद उनसे पूछ कर  देखे।  जो दिन में कमा कर घर लेकर आते है और उनमे से पैसे जोड़तेहै।  
स्कूल स्कूल ही नहीं इसको विद्या का मंदिर कहा गया है।  इसमें शिक्षक  बच्चों को शिक्षा प्रदान करता है 
शिक्षक वो होता है जो आने वाले समय में  बच्चों को कठनाईयो का  सामन करने के लिए पहली हे त्यार कर देता है। 
विद्या का मंदिर वो  होता है जो विद्या घ्रहण कर रहे बच्चों को विद्या प्रदान करने के साथ साथ उनका ध्यान रखता है 
और कठिन समय पर  साथ खड़ा होता है  इसके साथ साथ बचो के संस्कारों को निखारना  उनको सही मार्ग दिखाना  यह  बच्चे स्कूल से ही सीखते है।   
आज इस महामारी में कुछ निजी स्कूल ऐसी भी है जिन्होंने फीस को माफ़  करके एक सकरात्मक सोच , इंसानियत को जिन्दा रखते हुई एक अलग मिसाल पैदा की है ,.  
और  दुसरे तरफ कुछ स्कूल जो सामने आ रहे है जिन्होंने इंसानियत को शर्मसार किया है  पेरेंट्स से दुर्व्यवहार किया है यह हम सब देखते ही है  .. कियों  ऐसा कियों  इसलिए की पेरेंट्स की मजबूरी होती है बच्चों को पढ़ाना  .
सूत्रों के अनुसार यह खबर मिली  है की कुछ स्कूल अभी भी 
पूरी  ही  फीस ले रहे है और अगर कोई ना दे पा रहा तो इंस्टॉलमेंट्स पर ले रहे है और फीस अप्रैल से ही लग कर आ रही है।   बात फिर वो ही कियों  ? अगर आनलाईन  पढाई को देखते  हुए आप मांग रहे है तो  आप 90 % फीस माफ़ कीजिये कियों की   बच्चे स्कूल में  नहीं आ रहे थे सूत्रों के अनुसार  कुछ स्कूल वालो ने बच्चों के नाम तक काट दिए.
 ऐसे में  नियमो की  सीधी उलघना सामने आती है।   इन पर कब शकजा कसा जायेगा। किया  गवर्नमट एक्शन लेगी या फिर सिर्फ  और सिर्फ बात  होगी। 
आन लाईन  विद्या की शुरुआत :-
कुछ स्कूल के पास बहुत ही बड़े  उपकरण है  जो  बच्चो को घर पर आसानी से पड़ा रहे है   और यहाँ तक  उनकी  टीचर बच्चों को  विद्या के साथ साथ वोही इन्वॉयरमेंट प्रदान करने में सक्षम है। 
कुछ जगह पर सामने आया की। 
मोबइल से स्टडी करना जहाँ आँखों के लिए हानिकारक है वही दूसरी तरफ दिमाग पर  बहुत ही ज़ायदा असर पड़ता है। तो ऐसे में  जहाँ एक तरफ विधा को घ्रहण करते हुए आँखों को नुक्सान भी हो सकता है। 
बल्कि इस महामारी में तो निजी स्कूल को चाहिए की   बच्चों को सीधा प्रमोट करे बिना किसी शर्त के ताकि बच्चों को हौसला मिले   और विद्या के इस मंदिर का सही मैसेज उनके   दिमाग  पर असर करे और उनकी इस स्कूल की यात्रा में विद्या के मंदिर का योगदान हो इसके साथ साथ  उनके परनेटस को  भी  सकूं मिले और विद्या के इस मंदिर की बड़ी मिसाल पैदा हो  इस मिसाल से दूसरे देशो तक आवाज़  जाए। 
किसी भी स्कूल  को नीचा दिखाना मकसद नहीं बल्कि सही रास्ता दिखाना प्रयास है ताकि सभी मिलजुकर एक ऐसी मिसाल पैदा करे की  हर कोई इस विद्या के मंदिर को  देखते ही मन में  शुद्ध विचार उत्पन हो । 
लेकिन अगर कोई स्कूल इस महामारी का फायदा  उठाता है और पेरेंट्स को नुक्सान पहुंचता है , बच्चो की शिक्षा को नुक्सान पहुंचता यही तो ऐसे में  गवर्नमट को सख्त एक्शन लेना  चाहिए। ताकि  मनमानी करने पर लगाम लगे और  इंसानियत का पैगाम पहुंचे  बच्चों का भविष्य सुरक्षित रहे। 
जहाँ सरकारी स्कूल्ज में गवर्नमेंट ने बच्चों को राहत प्रदान की है यह कदम उनका सरहाना योग है वही उनको चाहिए की निजी स्कूल्स के ऊपर भी नियमो को लागू करे ताकि न तो स्कूल परेशान हो और ना ही पेरेंट्स।
रिपोर्ट:- मानव  
ब्लॉग 
ऑनलाइन हैडलाइन स्पेशल 
 
