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⇨---“Health is a state of complete harmony of the body, mind and spirit. ...“Good health is not something we can buy. However, it can be an extremely valuable savings account.”-Anne Wilson Schaef....You can’t control what goes on outside, but you CAN control what goes on inside.” ...To keep the body in good health is a duty…otherwise we shall not be able to keep the mind strong and clear.” – Buddha,,


एतेहासिक तस्वीर चंद्रयान के द्वारा भेजी गई पहली तस्वीर , विक्रमलेन्डर ने किया कमाल दुनियां देख रही है भारत का धमाल। विज्ञानिको की भावना उनकी मोहब्बत चद्रयान .चाँद के साउथ पोल पर उतरने वाला भारत दुनियां का पहला देश .....ऑनलाइन हैडलाइन स्पेशल --ऑनलाइन हैडलाइन स्पेशल --ऑनलाइन हैडलाइन स्पेशल --ऑनलाइन हैडलाइन स्पेशल --ऑनलाइन हैडलाइन स्पेशल --ऑनलाइन हैडलाइन स्पेशल --ऑनलाइन हैडलाइन स्पेशल --ऑनलाइन हैडलाइन स्पेशल --ऑनलाइन हैडलाइन स्पेशल --

Wednesday 19 August 2020

लंदन जाने वाली वो बस जो 70 के दशक में खूब प्रचलित थी

कोलकाता से लंदन के लिए बस सर्विस के बारे में सोचना भी असंभव लगता है परइतिहास में ऐसा हो चुका है। 1950में कोलकाता से लंदन के लिए बस चलती थी।ओर यह बस सेवा 1973 तक चली थी ।
 यह यात्रा 45दिन की होती थी इस पूरी यात्रा में यात्री को क्या क्या सुख सुविधा मिलती थी ,किराया कितना था ,कोन को से देश से हो कर गुजरती थी तो आइये  विस्तारसे जानते है।
कालकता से लंदन जाते हुए यात्री।
इस बस सेवा को सिडनी की एक कंपनी अल्बर्ट टूर एंड ट्रेवल्स संचालित करती थी। यह बस कोलकाता से लंदन सेवा 1950 से लेकर 1973 तक जारी रही। इस बस का नाम अल्बर्ट था।
यात्रा के दौरान इतनी सारी सुवधा मिलती थी-
क्योकि यात्रा 45 दिन का था इस लिए यात्रीयो की सुख सुवधा का खास खयाल रखा जाता था। बस में स्लिपिंग बर्थ की भी सुविधा थी एक सेलून भी था.बाहर का नजारा देखने के लिए बस में एक खास तरह की बालकनी भी थी। साथ ही, लाउंज, फैन, हीटर, कालीन और रेडियो भी हुआ करते थे। यात्री 45 दिन की यात्रा बड़े ही मजे से होती थी।यात्रीयो के खाने -पीने की व्यवस्ता ओर रात में होटल में रुकने की भी व्यवस्था थी।
 क्लिपिंग बर्थ की फोटो
किराया-
इस बस में एक तरफ का किराया 1950 से 1927 तक 50 पाउंड (8,000)था जो की उस समय के हिसाब से बहुत ज्यादा महँगा था।फ़ोटो में टिकिट के किराये से लेकर बस के रुट, थरहरे के विषय में भी बताया गया है 1972 के बाद से बस का किराया बढा कर 145 पाउंड ,(13,644,)कर दिया गया।
विज्ञापन के फोटो जब बस का किराया बड़ा दिया गया 
इतने देशों से हो कर गुजराती थी ये बस-
यह बस लंदन से शुरू होकर बेल्जियम, ऑस्ट्रिया, पश्चिम जर्मनी, यूगोस्लाविया, बुल्गारिया, तुर्की, ईरान, अफगानिस्तान और पश्चिम पाकिस्तान से होते हुए भारत पहुंचती थी। इसके आलावा ये बस भारत के दिल्ली,आगर,बनारस,हो ते हुए कलकत्ता पहुचती थी।
यात्रियों को कोलकाता से लंदन ले जाती हुई अल्बर्ट बस
इतने किलोमीटर की यात्रा होती थी-
आप को जान कर हैरानी होगी को कलकत्ता से लंडन के लिया ये बस 7,957 किलोमिटर की दूरी तय करती थी। और हमारी पृथ्वी का
व्यास12,742
किलोमीटर है यानी कि  बस में 45 दिनों के सफर में पृथ्वी के व्यास का आधे से ज्यादा दूरी तय कर लेते थे जो काफी हैरान करने वाली बात है
कोलकाता से विदेश जाने के लिए कुछ अन्य बस सेवाएं-
उस समय कलकत्ता से विदेश जाने के लिए और भी बस सेवाएं मौजूद थी जैसे कि कोलकाता से भूटान और कोलकाता से बांग्लादेश के लिए भी बस जाती थी।

आशा करते है यह जानकारी भी  आपको  अच्छी लगी होगी।   
ऑनलाइन हैडलाइन स्पेशल :-